नोटबंदी के बाद बहुत सारे पोस्ट और लोगो ने अलग अलग तर्क देकर इसको खूब सराहा ,अब 500-1000 के अनलिमिटेड पुराने नोट्स बिना किसी आयकर जाच के सभी पोलिटिकल पार्टी अपने पार्टी फण्ड के खाते में डाल सकते है ,कोई जाँच नहीं होगी ,जितना बोरा है सब किसी राजनितिक पार्टी के मदद से white कर लीजिये ,थोडा जानकर लोग जो नोटबंदी को सपोर्ट करते है ,इसपे भी प्रकाश डाले.......
चोर-चोर मौसेरे भाई...
काले धन की नीति पर सरकार की नीयत में खोट है । विपक्ष के पास काला धन है , ऐसा कहकर खुद को पाकसाफ बताने वाला सत्ता पक्ष अचानक रक्षात्मक क्यों होने लगा है ?
राजनीतिक दलों की आय का स्रोत छुपाने के कारण उसकी नेकनीयती पर सवाल उठना लाजमी है। यदि राजनीतिक दल आम आदमी की तरह आरटीआई के दायरे में आते तो निश्चित तौर पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता। संसदीय कार्रवाई को लगातार बाधित करने वाला विपक्ष और सत्ता पक्ष आश्चर्यजनक रूप से इस मुद्दे पर गलबहियां करते नजर आ रहे हैं। देश और जनता की भलाई का झूठा दंभ भरने वाले वास्तव में चोर-चोर मौसेरे भाई हैं।काले धन की नीति पर सरकार की नीयत में खोट है । विपक्ष के पास काला धन है , ऐसा कहकर खुद को पाकसाफ बताने वाला सत्ता पक्ष अचानक रक्षात्मक क्यों होने लगा है ?
्तावेज भी होने चाहिए, जिसमें दानदाता की पूरी पहचान होनी चाहिए। कोई एक व्यक्ति 20,000 रुपये से अधिक का दान पार्टी को देता है तो मौजूदा कानून के तहत यह चेक या बैंक ड्राफ्ट के जरिये होना चाहिए।
सवाल :- ऐसा होने से कालाधन पार्टियों के द्वारा सफ़ेद केसे होगा ?
मित्रो एक निवेदन है केवल खबरों की हेडलाईन पड़ किसी निष्कर्ष पर ना पहुचे कम से कम पूरी खबर अवश्य पड़े |
राजनीतिक दलों को विशेष कोई नई छुट नहीं दी गई है| आयकर कानून में जो छुट पहले थी उसे ही बरकरार रखा गया है क्यूँकी कानून संसद में बदले जाते है दफ्तर में नहीं....हां २० हज़ार से कम केश और दान दाता का रिकॉर्ड जैसे पेन कार्ड आधार कार्ड और चंदे की रशीद अनिवार्य किया गया है |
बाकी सबकी अपनी अपनी समझ |
सवाल :- ऐसा होने से कालाधन पार्टियों के द्वारा सफ़ेद केसे होगा ?
मित्रो एक निवेदन है केवल खबरों की हेडलाईन पड़ किसी निष्कर्ष पर ना पहुचे कम से कम पूरी खबर अवश्य पड़े |
राजनीतिक दलों को विशेष कोई नई छुट नहीं दी गई है| आयकर कानून में जो छुट पहले थी उसे ही बरकरार रखा गया है क्यूँकी कानून संसद में बदले जाते है दफ्तर में नहीं....हां २० हज़ार से कम केश और दान दाता का रिकॉर्ड जैसे पेन कार्ड आधार कार्ड और चंदे की रशीद अनिवार्य किया गया है |
बाकी सबकी अपनी अपनी समझ |
No comments:
Post a Comment