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Sunday, 25 December 2016

शिवहर के सभी विभाग द्वारा अपने अनियमितता को छूपाने हेतु RTI जवाब नहीं दिया जा रहा है।

RTI के जवाब मे धोखाघड़ीं के कारण अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को भेजा वकालतन नोटिस।*







शिवहर के सभी विभाग द्वारा अपने अनियमितता को छूपाने हेतु RTI जवाब नहीं दिया जा रहा है। सबसे बद्तर हाल तो जिला स्वास्थ्य विभाग का है जहाँ अपील के निर्णय के बाद भीसूचना देने मे धोखाघड़ी का मामला प्रकाश मे आया है।
घटना जिला स्वा० विभाग के लोक सूचना पदा० सह अपर मुख्य चि० पदा० कार्यालय का है, जहाँ सुगिया कटसरी के एक RTI कार्यकर्ता द्वारा स्वा० विभाग मे चल रहे अनियमित क्रिया कलाप/ आवश्क जानकारी के संवंध मे 04/10/2016 को ही नियमानुसार सूचना की मांग की गई थी ,परंतु सूचना प्राप्त नहीं होने पर स्वा० विभाग के अपीलीय प्राधिकार सह सिविल सर्जन के समक्ष दिनांक 18/12/16को हूये सूनवाई मे निर्णय दिया गया कि आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना हाथो हाथ उन्हे उपलव्ध करायी जाये जिसके नीचे आवेदक सहित सभी पक्ष से हस्ताक्षर कराया गया। परंतू चौंकाने वाली बात तब हूई जब निर्णय के बिरूद्ध मांगी गई सूचना हाथो हाथ उपलव्ध नही कराकर एक साजिश के तहत धोखाघड़ी के ईरादे से अपर मु० चि० पदा० के पत्रांक 300 दिनांक 18/12/16 द्वारा निवंधित डाक से भेजते हूये सूचना दी गई कि सूचना देय नहीं है।
एक वरीय पदा० द्वारा किया गया ऐसी क्रिया कलाप आवेदक के साथ धोखाघड़ी कर विभागीय अनियमितता को दवाने की साजिश है जो जिला के सभी विभागों द्वारा किया जा रहा है जिसके कारण जिला के RTI कार्यकर्ता आंन्दोलन एवं कानूनी कर्रबाई करने पर उतारू हो चूके हैं जिस क्रम मे अपर मु० च्० पदा० को वकालतन नोटिस भेजते हूये लिखा गया है कि ऐसी धोखाघड़ी के लिये क्यो नही दीवानी/ फौजदारी मुकदमा किया जाये।
ज्ञात हो कि जिला के सभी संवंधित पदा० अपनी अनियमितता को छूपाने हेतु सूचना की मांग संवंधि किसी भी आवेदन का जबाब " सूचना देय नहीं है" के रूप मे देते हैं जिसमे उनकी मंशा होती है कि राज्य सूचना आयोग मे अपील के सम्पादन तक आवेदक थक जायेगा और तबतक सारे घपलों की लिपा पोती कर ली जायेगी। परंतु अब RTI कार्यकर्ता एवं मिडिया वालो ने ठान लिया है कि इस तरह की कार्य करने बाले पदा० के पास साक्ष्य के साथ आंदोलन एवं घेराव कर उच्चाधिकारी एवं राज्य सूचना आयोग के संज्ञान मे इसे लाया जायेगा, जिससे जिला मे चल रहे भ्रष्टाचार एवं अनियमितता को उजागर किया जा सके और सूचना अधिनियम का सही उपयोग हो सके।
इस समाचार के माध्म से मैं विशेष कर जिला पदा० एवं राज्य सूचना आयोग के संज्ञान मे इसे देना चाहता हूँ ताकि शीघ्र कार्वाई हो सके अन्यथा हम सभी आंदोलन हेतु तैयार हैं।

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