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Thursday, 17 November 2016

शिवहर एक्स एम्लए की निकली दर्द 2015 विधयाक चुनाव के बाद पहली बार पुरे एक साल बाद आया कोई प्रतीकिर्या

शिवहर एक्स एम्लए की निकली दर्द 2015 विधयाक चुनाव के  बाद पहली बार पुरे एक साल बाद आया कोई प्रतीकिर्या 


पूर्व विधयाक ठाकुर रत्नाकर जी शिवहर जनता से कितने है ओ उनके द्वारा लिखी अपनी एक पोस्ट के रिप्लाई में  आया जिसमे शिवहर के युवा भरस्टाचार से लड़ने के लिए एक संखनाद की घोषणा करने के लिए एक मीटिंग के सम्बंधित सुचना  थी। 

शिवहर के एक युवा की पोस्ट -
शिवहर मे भष्ट्राचार चरम पर है छोटे कर्मचारी से बड़े अधिकारी तक भष्ट्रचार मे लिप्त हैं ! ऐसा लोग कहते है , शिवहर मे एक भी ऐसा जननेता नही है जो जनता के बीच रहकर जनता के हक के लिए संघर्ष कर सके ,भष्ट्राचार के कारण आम जनता का दम घुट रहा था ! ऐसे मे जरूरत है शिवहर के के सभी युवा मिलकर भष्ट्राचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का आगाज करें ,शिवहर के सभी युवाओ से अपील है कि शनिवार 19-11-2016 को क्लेवर चिल्डेन  Tuition Center ,Ward No 15 Hero agency road Sheohar मे सुबह 10 बजे आप लोग आयें हमलोग मिलकर भष्ट्राचार के खिलाफ निर्णायक क्रांति का आगाज करेंगे |
..................... .मुकुन्द सिंह(9801424724)
.......................मुकुन्द प्रकाश मिश्र(9386213220


इस पोस्ट पे श्री ठाकुर रत्नाकर जी का आम जता से साफ़ नाराज दिख रहे हैं। 
हालाँकि उन्होंने आम जनता  को परस्थितियो के अनुरूप अपने आप को ढाल लेने वाला बताया इस पोस्ट में उन्होंने शिवहर के बिपक्ष और सत्ताधारी नेताओ के ऊपर भी टिपण्णी की जो लोग शिवहर के  रहनुमा समझ कर लोगो ने वोट दिया    आज वही लोग शिवहर के लूटने का कारन बनते नजर आ  रहे है और भ्र्स्त पधिकारियो से मिलकर आम जान को बेवकूफ बना रहे हैं। 
अंत में उन्होंने हम   सुभकामनाये और अंधकार में दिया जलने के लिए  धन्यबाद भी दिया।
अब  आपको हम    ठाकुर  रत्नाकर जी का पोस्ट रिप्लाई दिखाता  हूँ 

ठाकुर रत्नाकर। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

जन नेता ???? आमजनता ???? भ्रष्टाचार ????लोग कहते हैं ???? कौन से लोग ????इस प्रश्न का उत्तर तो शिवहर के 'कहने वाले लोग' ने स्वयं 1 नवंबर2015 को आमजन की भावना का शोषण कर दिलवा ही दिया तो अब...! आमजन तो बेचारा आम है, उसको कहाँ वक्त है आपके इन विचारों के लिये, वो तो हर वातावरण में ढल के जी लेता है ।
हाँ, ये सही है, अब आप युवा लोग जोर लगाइये - 'जोर जुलुम से टक्कर है, संघर्ष हमारा नारा है' ।
देखिएगा, ये जो 'कहने वाले लोग' हैं कहीं 'Symbol' न खोज दें आपके संघर्ष के प्रयास में। वैसे शिवहर की धरती और आमजन की भावनाओं का इस्तेमाल करने वाले 'सिम्बलधारी' विदेशी सफेदपोश अब सुध लेने नहीं आ रहे । भ्रष्टाचार मिटाने को 1000 और 500 के नोटों पर रोक लगी है भाई , आमजन के तकलीफों के लिए संघर्ष करने के लिए नहीं ।
जब जन नेताओं की खोज और चर्चा हो रही है तो लोकतंत्र में दो पक्ष होते हैं, सत्ताधारी और विरोधी दल । विरोधी दल और उसके गठबंधन के तो कई सफेदपोश चुनाव के समय तो 'सीन' पर काफी संघर्षपूर्ण थे, आजकल भ्रष्टाचारियों के सबसे ज्यादा तलवे वही चाटने में लगे दिखते हैं ।
'जोर लगा के हईसा', नैतिक और भावनात्मक समर्थन के साथ, शुभकामनायें !
हाँ, ये सही है, अब आप युवा लोग जोर लगाइये - 'जोर जुलुम से टक्कर है, संघर्ष हमारा नारा है' ।देखिएगा, ये जो 'कहने वाले लोग' हैं कहीं 'Symbol' न खोज दें आपके संघर्ष के प्रयास में। वैसे शिवहर की धरती और आमजन की भावनाओं का इस्तेमाल करने वाले 'सिम्बलधारी' विदेशी सफेदपोश अब सुध लेने नहीं आ रहे । भ्रष्टाचार मिटाने को 1000 और 500 के नोटों पर रोक लगी है भाई , आमजन के तकलीफों के लिए संघर्ष करने के लिए नहीं । जब जन नेताओं की खोज और चर्चा हो रही है तो लोकतंत्र में दो पक्ष होते हैं, सत्ताधारी और विरोधी दल । विरोधी दल और उसके गठबंधन के तो कई सफेदपोश चुनाव के समय तो 'सीन' पर काफी संघर्षपूर्ण थे, आजकल भ्रष्टाचारियों के सबसे ज्यादा तलवे वही चाटने में लगे दिखते हैं । 'जोर लगा के हईसा', नैतिक और भावनात्मक समर्थन के साथ, शुभकामनायें !हाँ, ये सही है, अब आप युवा लोग जोर लगाइये - 'जोर जुलुम से टक्कर है, संघर्ष हमारा नारा है' ।देखिएगा, ये जो 'कहने वाले लोग' हैं कहीं 'Symbol' न खोज दें आपके संघर्ष के प्रयास में। वैसे शिवहर की धरती और आमजन की भावनाओं का इस्तेमाल करने वाले 'सिम्बलधारी' विदेशी सफेदपोश अब सुध लेने नहीं आ रहे । भ्रष्टाचार मिटाने को 1000 और 500 के नोटों पर रोक लगी है भाई , आमजन के तकलीफों के लिए संघर्ष करने के लिए नहीं । जब जन नेताओं की खोज और चर्चा हो रही है तो लोकतंत्र में दो पक्ष होते हैं, सत्ताधारी और विरोधी दल । विरोधी दल और उसके गठबंधन के तो कई सफेदपोश चुनाव के समय तो 'सीन' पर काफी संघर्षपूर्ण थे, आजकल भ्रष्टाचारियों के सबसे ज्यादा तलवे वही चाटने में लगे दिखते हैं । 'जोर लगा के हईसा', नैतिक और भावनात्मक समर्थन के साथ, शुभकामनायें !



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